मानव पूँजी से हो सकता है एक बेहतर भविष्य का निर्माण
पूंजी को विभिन्न प्रकार से सोचा जा सकता है, जैसे – भौतिक पूँजी, वित्तीय पूँजी, सामाजिक पूँजी, प्राकृतिक पूँजी, मानव पूंजी इत्यादि| भौतिक
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Read moreभारत में असुर आदिवासी समुदाय के लोग हैं और वे खुद को महिषासुर के वंशज मानते हैं। उनका मानना है कि
Read moreयह तीन भाग श्रृंखला का पहला लेख है। लेखिका नीतिशा आगामी दूसरे भाग में अपने जेएनयू के अनुभवों के बारे
Read moreभाषाएँ हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाती हैं। हमारी भाषा हमारी सांस्कृतिक विविधता और पारस्परिक संवाद
Read moreएक तरफ पूरी दुनिया में पूंजीवादी व्यवस्थाओं ने अपनी सत्ता जमा के सभी संसाधनों पर कब्जा कर लिया है, वहीं
Read moreकोल्हान विश्वविद्यालय के कोपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर में कार्यरत जीतराई हाँसदा को साकची, जमशेदपुर पुलिस ने शनिवार (25 मई) को गिरफ्तार
Read moreNotes on Nick Estes’s masterful new study of the movement against the Dakota Access Pipeline- ‘Our History is the Future’
Read moreमृतक प्रकाश लकड़ा की तस्वीर के पास बैठे उनके भाई पीटर लकड़ा, ग्रामीण बीरबल तिग्गा और जिनका बूढ़ा बैल मर
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