‘मरंङ गोमके जयपाल सिंग मुण्डा परदेशीय छात्रबृत्ति’ योजना के तहत झारखण्ड सरकार द्वारा मानव पूंजी निर्माण

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आर्थिक विकास के लिए भौतिक पूंजी के साथ मानव पूंजी का होना नितांत आवश्यक है| इन दोनों पूंजियों का संचय देश को प्रगति के शिखर में ले जाने का जरिया है| पहले भौतिक पूँजी, फिर मानव पूंजी से जुड़ी आर्थिक सिद्धांतों की शुरुवात 1930-40 से लेकर भविष्य में भी विभिन्न आर्थिक विकास के मॉडल की बात करना भौतिक और मानव पूंजी की चर्चा के बिना संभव नहीं है. ये आलेख मानव पूंजी निर्माण को लेकर झारखण्ड सरकार के द्वारा शुरु किये गए मरंङ गोमके जयपाल सिंग मुण्डा परदेशीय छात्रवृत्ति योजनाकी विस्तृत जानकारी के साथ छात्रों को किस प्रकार से लाभ उठाना चाहिए उसके बारे में है. जयपाल सिंग मुण्डा की उच्च शिक्षा ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में हुई थी और भारत लौटने के बाद उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों को लेकर संविधान सभा में प्रभावपूर्ण बात रखी थी.पहली बात, प्रतिभावान जयपाल सिंग मुंडा के नाम पर इस परदेशीय छात्रवृति योजना का नाम रखना उच्च शिक्षा और मानव पूंजी की कद्र है, दूसरी बात झारखण्ड के 21 वीं सदी के आदिवासी छात्रों को विदेश में पढ़ने का अभूतपूर्व मौका| 28 दिसंबर 2020 को इस छात्रवृति की घोषणा की गयी थी. वैसे, अगर आपने एडमिशन प्रक्रिया में अभी तक प्रवेश नहीं किया है या एडमिशन का ऑफर लेटर नहीं मिला है, या IELTS, TOEFL, GRE इत्यादि नहीं दिया है तो इस साल आप देर कर चुके हैं. अगर आप देर कर चुके हैं तो अगले साल के लिए तैयारी अभी से शुरू करें.

हाल के अधिसूचना के आधार पर, 2021-22 सत्र में मरंङ गोमके जयपाल सिंग मुंडा छात्रवृतिके लाभ लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2021 है, और जिस प्रकार से छात्रों की तैयारी है वो इस बार शायद काफी लोग इस लाभ से वंचित हो जायेंगे. कई छात्रों से सोशल मीडिया में रूबरू होने के बाद पता चला की इस छात्रवृति को लेने की प्रक्रिया से अवगत नहीं है, जबकि तमाम चीजों के बारे में अधिसूचना में ही बता दी गयी है| ये छात्रवृति निम्नलिखित विश्वविद्यालय के लिए ही लागू होंगी — ऑक्सफ़ोर्ड, कैम्ब्रिज, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, इम्पीरियल कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग, किंग्स कॉलेज लंदन, एस.ओ.ए.एस. यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन, मेनचेस्टर, वारविक, ब्रिस्टल, रीडिंग, ससेक्स, बॉर्नमाउथ, लॉफबॉरोफ विश्वविद्यालय। ये सारे विश्वविद्यालय मुख्यतः ग्रेट ब्रिटेन में है| इन विश्वविद्यालयों में मुखतः 22 विषयों में से किसी एक की पढाई कर सकते हैं जो निम्नवत है — मानवविज्ञान/ समाजशास्त्र, कृषि, कला एवम संस्कृति,  जलवायु परिवर्तन, डेवलपमेंट स्टडीज, गवर्नेंस, अर्थशास्त्र, शिक्षा, पर्यावरण विज्ञान, वन संरक्षण, विश्व शांति, सुरक्षा और गवर्नेंस, अंतराष्ट्रीय सम्बमेडिसिन न्ध/ राजनीति शास्त्र, कानून और मानव अधिकार, मीडिया और संचार, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पब्लिक हेल्थ, पब्लिक पालिसी, विज्ञान और अन्वेषण, स्पोर्ट्स मेडिसिन और प्रबंधन, टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी, सस्टनेबल डेवलपमेंट, अर्बन एवं रीजनल प्लानिंग, वीमेन स्टडीज/ जेंडर स्टडीज.

इस छात्रवृति योजना के लिए सरकार ने 10 करोड़ आबंटित किये हैं और हर साल 10 आदिवासी छात्रों को विदेश भेजने की योजना है. खास बातें जो छात्रों को ध्यान देनी है, वो हैं — व्यक्तिगत प्रयास करके पहले खुद इन विदेशी विश्वविद्यालयों के दाखिला प्रक्रिया में प्रवेश करें. दाखिला प्रक्रिया की पहली शुरुवात दिसंबर में होती है, फिर मार्च और अंतिम बचे सीट के लिए जून में आवेदन होते हैं. सारी प्रक्रिया ख़त्म होने और दाखिला होने के बाद लगभग सितम्बर में क्लास की शुरुवात होती है. दिसंबर महीना को लक्ष्य करके चलने का मतलब है कम-से-कम आपको सितम्बर महीना में तैयारी शुरू कर देनी है, जैसे — आपके सारे प्रमाणपत्र तैयार होना चाहिए, इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS), या टेस्ट ऑफ़ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज (TOEFL) के बढ़िया स्कोर आपके पास होनी चाहिए और किसी-किसी विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन (GRE) के बढ़िया स्कोर भी आपके पास होनी चाहिए. इन सारी परीक्षाओं की तैयारी आप खुद भी कर सकते हैं, या कोचिंग का सहारा भी ले सकते हैं. गंभीर रूप से तैयारी करने में 3-6 महीने लग सकते हैं. आप अपने समय सारणी बढ़िया से देख लें. प्रमाण पत्र, बायोडाटा, इंग्लिश टेस्टिंग स्कोर इत्यादि के अलावा आपको उस विश्वविद्यालय में जाने के लिए ‘स्टेटमेंट ऑफ़ परपस’, या ‘परसनल स्टेटमेंट’ भी लिखने होंगे। इन तमाम चीजों की जानकारी भी इंटरनेट में आसानी से उपलब्ध है. एक और खास बात, आप जिन-जिन विश्वविद्यालय में आवेदन करने वाले हैं, सारे का विस्तृत जानकारी जैसे — कौन सा विषय में आवेदन कर रहे हैं, फैकल्टी कौन और कैसे हैं, अंतिम तिथि इन सारी चीजों का साफ़ तौर पर एक एक्सेल शीट बना लें.

छात्रवृति आवेदन और इसकी अधिसूचना में स्पष्ट तौर पर लिखा है की जो लोग दाखिला ले चुके हैं या दाखिला के लिए ऑफर लेटर मिल चुका है उनको प्राथमिकता दी जाएगी फिर जो लोग इंग्लिश टेस्टिंग परीक्षा में अच्छा स्कोर किये हैं उनको मौका दिया जायेगा. ये छात्रवृति पाने वाला सदस्य अपने परिवार का पहला व्यक्ति होना चाहिए तथा राज्य या देश में किसी मंत्री का बेटा/ बेटी नहीं होना चाहिए. साथ ही अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी, जैसे – कोर्स बदलाव, उपलब्ध कराये गए दस्तावेज गलत पाए जाते हैं तो 10% चक्रवृद्धि ब्याज के साथ सरकार आपको दिए गए रकम की वसूली करेगी. विस्तृत जानकारी के लिए 28 दिसंबर 2020 की अधिसूचना जरूर देखें जरुरत पड़ने पर हमारे ईमेल में भी संपर्क किया जा सकता है. इसी प्रकार की योजना अन्य राज्यों में भी लाने की जरुरत भी है.

 

यह लेख दैनिक भास्कर में प्रकाशित हो चुका है.

Ganesh Manjhi

Dr Ganesh Manjhi is a native of Simdega, Jharkhand. He is currently working as Assistant Professor (Economics) in Gargi College, Delhi University. डॉ गणेश मांझी, सिमडेगा, झारखण्ड से हैं. साथ ही अभी गार्गी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर(अर्थशास्त्र) के रूप में कार्यरत हैं. Email: gmanjhidse@gmail.com

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