मध्य प्रदेश में कोईतुर धार्मिक स्थल पर विवेकानंद का स्मृति भवन क्यों?
कोईतुर या गोंड समाज भारत के प्राचीनतम समुदायों में से एक है और इसकी अपनी स्वतंत्र संस्कृति और धर्म है. इसका
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Read moreImage: “Attack by 600 Santhals upon a party of 50 sepoys, 40th regiment native infantry,” Illustrated London News, 1856. (Source
Read morePicture: Indra kills Vritra—who is identified as an asura in the Vedas (story from Rik Veda, featured in Bhagavatha); courtesy
Read moreफ़ोटो : बस्तर में स्थित एक गोटूल (वेर्रिएर एल्विन, 1940) गडचिरोली और माडिया (कोईतुर) आदिवासी पहचान बताते हुए शहरी लोगों
Read moreसन 1916, कोईतूर सामाजिक आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दौर की शुरुवात थी, जिसमें कोईतूर समाज के बुद्धिजीवियों द्वारा
Read moreWith the founding of the Gondwana Mahasabha by the Koitur intellectuals, the year 1916 marked the beginning of a historic
Read moreफोटो : भीलों के लोक देवता “बापदेव”, जो उनके गांवों में आदिकाल से स्थापित हैं। उन्हे भीली भाषा में “बाबूढा” कहा जाता है। इस
Read moreछत्तीसगढ़ के घने जंगल प्राचीन दुनिया से जुड़े कई गहरे इतिहास संजोये हुए हैं। ऐसा ही एक इतिहास है उत्तर
Read moreमध्य भारत में गोंडवाना साम्राज्य के वैभव और समृद्धि से जुड़े इतिहास आज भी अपनी गौरवशाली विरासत को बयान कर
Read moreरानी दुर्गावती मड़ावी का आज बलिदान दिवस है आइये उन्हे सभी लोग मिलकर हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और यह
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