गोटूल: माडिया-कोईतुर समाज और जीवन दर्शन को समझने का एक बहुआयामी केंद्र
फ़ोटो : बस्तर में स्थित एक गोटूल (वेर्रिएर एल्विन, 1940) गडचिरोली और माडिया (कोईतुर) आदिवासी पहचान बताते हुए शहरी लोगों
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Read moreभारत में असुर आदिवासी समुदाय के लोग हैं और वे खुद को महिषासुर के वंशज मानते हैं। उनका मानना है कि
Read moreफोटो : भीलों के लोक देवता “बापदेव”, जो उनके गांवों में आदिकाल से स्थापित हैं। उन्हे भीली भाषा में “बाबूढा” कहा जाता है। इस
Read more– धुमकुडिया टीम धुमकुड़िया, उराँव जनजाति के बीच एक पारम्परिक शैक्षणिक संस्थान है। आदिवासी के उद्भव से लेकर आज तक आदिवासी
Read moreBy: Dhumkudia Team Dhumkudia—an indigenous institution of Oraon tribe—has been an educational center, providing learning opportunities from ancestors’ knowledge of
Read moreछत्तीसगढ़ के घने जंगल प्राचीन दुनिया से जुड़े कई गहरे इतिहास संजोये हुए हैं। ऐसा ही एक इतिहास है उत्तर
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Read moreछेर छेरता पूनेमी पाबुन जनजातीय लोगों का बहुत ही प्राचीन उत्सव है । यह उत्सव आर्य आगमन के पूर्व से
Read moreThis article was originally published in the National Herald, India on February 17, 2019. (Featured image: National Herald) By: Luis A Gomez Seven years ago,
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