पांचवी अनुसूची प्रावधान : ‘OCL इंडिया लिमिटेड’ कंपनी को आमघाट, ओडिशा की ग्राम सभा का नोटिस
पांचवीं अनुसूची आमघाट पानीटंकी ग्राम सभा
ग्राम-आमघाट पानीटंकी, पो-राजगांगपुर, जिल्ला-सुंदरगढ़, राज्य-ओडिशा
प्रेस रिलीज़
ओडिशा राज्य का सुंदरगढ़ जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है। दिनांक 9 मई 2018 को आमघाट पानीटंकी ग्राम सभा द्वारा OCL इंडिया लिमिटेड कंपनी के पानी पंम्प घर बंद करने के मामले पर तीसरी बार चर्चा विफल रही। जबकि इस बार की पूरी चर्चा पांचवीं अनुसूची के मुताबिक हुई।
OCL इंडिया लिमिटेड कंपनी 1932 में चीनी (Sugar) कंपनी के रूप में डालमिआ के जरिये चालू हुआ था। बाद में 1949 में सीमेंट फैक्ट्री के लिए निगमित किया गया। इसे बनाने का एक उद्देश्य 1951-52 में हीराकुद डैम बनाने का था।
जब यह कंपनी जमीन अधिग्रहण करने के लिए जन सुनवाई करने वाली थी, तब भी लोगों ने इसका पूरी जोर के साथ पांचवीं अनुसूची की ग्राम सभा कर विरोध किया। कंपनी 893.55 हेक्टर यानी 2233.875 एकड़ जमीन लेना चाहती है। 1980 में जब कंपनी ने जमीन लिया तब एक एकड़ के लिए 7000 या 8000 रूपया मुआवजा दिया गया था। हालाँकि लोग इस पैसे की बचत नहीं कर पाये। उस दशक और ज़माने के फिल्म कल्चर के हिसाब से लोगों ने फ़िज़ूल पैसे खर्च किये, जैसे बेल बॉटम फुल पैंट ख़रीदा, टेप रिकॉर्डर ख़रीदा, घडी ख़रीदा, साइकिल ख़रीदा, चश्मा ख़रीदा, टेप रिकॉर्डर के कैसेट के फीते को साइकिल हैंडल में लगाया। यहाँ तक कि रेडियो ख़रीदा और हल चलाने के समय हल का जुहैंट में बैल के बीच में बांधा और गाना सुनते हुए हल चलाया, इस तरह भ्रम में अपने को विकसित भी समझा। खदान में कंपनी ने कुछ दिनों घाना से पत्थर तोड़ने का काम दिया, लेकिन फिर कंपनी ने मशीनरी क्रेन डम्पर लगाकर उनको नौकरी से निकल दिया।
हालाँकि अब लोग जाग चुके हैं। आज हवा और पानी का मोल समझते हैं। आमघाट ग्राम सभा का कहना है की कंपनी 50/60 साल से राजगांगपुर ब्लॉक के केशरामाल के आमघाट नाक्टी नाला नदी से पानी ले रही है। इसलिये ग्राम सभा ने यह निर्णय लिया है कि OCL
कंपनी से तीस लाख रुपये एक बार में लिया जाय ताकि लोग अपने खेतों में पानी ला सकें और इस तरह अपने तरीके से अपनी खेती ग्राम सभा करेगी। साथ ही कंपनी हर महीने एक लाख रूपया दे, जिससे खेती में मारमति कार्य और अन्य काम अपने तरीके से विकास का फैसला ग्रामीण कर सकेंगे। यह फैसला ग्रामीण संविधान की पांचवीं अनुसूची अनुच्छेद 244 (1) भाग (क) के पारा 2 और 3 के तहत निर्णय लिया है। ज्ञात हो, आमघाट पानी टंकी ग्राम सभा पांचवीं अनुसूची ग्राम सभा है।
पूरे देश में आर्टिकल 53 के तहत राष्ट्रपति के पास संघ की कार्यपालिका सकती (एग्जीक्यूटिव पावर) है। जो राष्ट्रपति अपने देश को चला सकता है या उनके अधीनस्त अधिकारी के जरिये कार्यपालिका सकती लागु करेगा। उसी तरह पूरे राज्य में आर्टिकल154 के तहत राज्यपाल के पास संघ की कार्यपालिका सकती (एग्जीक्यूटिव पावर) है। जो राज्यपाल पने राज्य को चला सकता है या उनके अधीनस्त अधिकारी के जरिये कार्यपालिका सकती लागु करेगा।
उसी प्रकार पूरे पांचवीं अनुसूची गांव के अनुसूचित खेत्र में आर्टिकल 244 (1) के भाग (क) के पारा 2 के तहत (”इस पांचवीं अनुसूची के अधीन रहते हुवे किसी राज्य की कार्यपालिका सकती का बिस्तार उनके अनुसूचित खेत्र पार है।”) पांचवीं अनुसूची ग्राम सभा का संघ की कार्यपालिका सकती का विस्तार उनके ग्राम सीमा के खेत्र के अंदर है। और अनुसूचित खेत्र में आर्टिकल 244 (1) भाग (क) के पारा 3 के तहत राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन देना होगा, जो कि पांचवीं अनुसूची गांव के आदिवासियों की दशा स्थिति की चर्चा करे। इसी पांचवीं अनुसूची के अंदर में रहते हुए ग्रामीण फैसला लेकर अपनी कार्यपालिका शक्ति को लेते हुए हर एक फैसला लेकर, फैसले की जानकारी राज्यपाल को दी जाती है।
आमघाट, सुंदरगढ़, ओडिशा के सन्दर्भ में, पांचवीं अनुसूची अनुछेद 244 (1) भाग (क) के नंबर 2 और 3 के तहत लिये गए निर्णय पर आमघाट पानी टंकी ग्राम सभा अटल रही है।
तहसीलदर राजगांगपुर ने OCL इंडिया लिमिटेड कंपनी के जी. एम.- नीलाद्रि पढ़ही, उप्रबन्धक – प्रकाश कुमार महंती, डीजीएम् – आर।चंद्र सुखला, प्रबंधक – देबदास महंती को यह पूछा कि – क्या आमघाट पानी टंकी के ग्राम सभा के निर्णय के मुताबिक तीस लाख रुपया एक मात्र और हर महीने एक लाख रुपया OCL इंडिया लिमिटेड कंपनी ग्राम सभा को देने के लिए सक्षम है या नहीं? इसके जवाब में कंपनी के जी. एम. – और उनके साथ आए हुए पदाधिकारी ने कहा कि – इस प्रस्ताव को OCL इंडिया लिमिटेड कंपनी के बोर्ड मेंबर के सामने रख कर ही निर्णय लिया जा सकता है।”
अन्त में पांचवीं अनुसूची ग्राम सभा आमघाट पानी टंकी के ग्रामीणों ने कहा कि, जब तक ग्राम सभा के फैसले को पूरा नहीं किया जायेगा तब तक पानी पंम्प घर पर ताला लगा रहेगा। यह फैसला सर्वसम्मति से पांचवीं अनुसूची के मुताबिक, ग्राम की भलाई के लिए निर्णय लिया गया है। ग्रामीणों का मानना है कि पांचवीं अनुसूची ग्राम सभा, पुरुखा लड़ाकू बिरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, सिद्धू कान्हूं, तेलंगा खड़ीआ, जात्रा तना भगत, तिलका माझी बीरों का अवदान है। हमें पांचवीं अनुसूची के अंदर ही रह के अपनी कार्यपालिका शक्ति को लेना है, तब जा के हम अपने अधिकार ले पाएंगे। अपने गांव की सीमा के अंदर हम अपने तरीके से ही जीत पाएंगे। अपना मड़ुआ, देमंता, पुटु-खोखड़ी, चकोड़ गुंडा, सरला माड़, घुमा साग, सुनसुनिअ साग से ही हमें अपना हक़ लेना पड़ेगा।
जय आदिवासी!
- Adivasi communities’ legal battle against the Singareni Coal Mine reveals violation of environmental laws and threat to human-animal life - March 19, 2023
- “Dhumkudiya—an Adivasi dialogue series” invites papers for its Fourth conference - September 10, 2021
- “धुमकुड़िया—एक आदिवासी संवाद श्रृंखला” अपने चौथे सम्मेलन के लिए शोध पत्र आमंत्रित करती है - September 10, 2021