मत करना शिकायत

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मत करना शिकायत

तटस्थ है जो समय

धरती पर पड़े हुए,

धूप सेंकते, हवा फांकते हुए,

खुश होते-होते थक कर

दर्द के बारे सोचते हुए,

फिर धीरे से एक दिन कमरे में

भ्रम की खिड़की खोल

बाहर झांकते, अपने आस-पास के

समय को

करीब से देख लेने का

सच के मंच पर

नाटक करते हुए।

 

मैं कहना चाहती हूं तुमसे

मत करना शिकायत उस दिन

जब आने वाले समय को

अपने समय में

एक बोतल खून की तरह

मुफ्त में न मिले एक बोतल हवा भी…

 

मत करना शिकायत

जब आने वाला समय

तुमसे शिकायत करे

सिर्फ इतनी सी शिकायत

कि अपने समय में इस समय ने

क्यों नहीं बचाया

एक पेड, एक नदी, एक धरती….?


Picture Courtesy: Jacinta Kerketta

 

Jacinta Kerketta

Jacinta is a freelancer journalist, poet from Ranchi, Jharkhand. She belongs to Kurukh/Oraon community. Her poem collection titled "Angor" was published in 2016 by Adivaani Publications. Her second poetry collection is "Land of the Roots" published by Bhartiya Jnanpith, New Delhi in 2018. रांची, झारखंड से, जसिंता एक स्वतंत्र पत्रकार और कवि हैं। वह कुरुख / उरांव समुदाय से हैं। "अंगोर" शीर्षक से इनकी कविता संग्रह 2016 में आदिवाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुई थी। 2018 में प्रकाशित इनकी दूसरी कविता संग्रह "जड़ों की जमीन" है जो भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है।

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