बॉक्साइट का अभिशाप और उत्तर बस्तर के बुधियारमारी गांव का संघर्ष
फोटो : बुधियारमारी गांव की महिला बुधनी महुवा सुखाते हुए. (तामेश्वर सिन्हा) “मैं यहां जो महुवा सूखा रही हूँ, इसके
फ़ोटो: गोंडवानी गायक बलराम व्याम (Sahapedia). लोकगीत को आदिवासी समाज पुरखागीत या पुरखौती गीत कहता है. पुरखौती गीत की सबसे
फोटो : बुधियारमारी गांव की महिला बुधनी महुवा सुखाते हुए. (तामेश्वर सिन्हा) “मैं यहां जो महुवा सूखा रही हूँ, इसके
Image: A snapshot of Santali version of Wikipedia that was launched in August 2018. It was also the first tribal
फ़ोटो : Madhu Dhurve जैसा की आप जानते ही हैं, 2020 कोरोना महामारी का जो दौर था हमारी पूरी दुनिया
Image: Gondi language experts and community volunteers at the first dictionary workshops held at Delhi’s Gandhi Smriti Darshan Samithi in
फोटो : बुधियारमारी गांव की महिला बुधनी महुवा सुखाते हुए. (तामेश्वर सिन्हा) “मैं यहां जो महुवा सूखा रही हूँ, इसके
फ़ोटो: गोंडवानी गायक बलराम व्याम (Sahapedia). लोकगीत को आदिवासी समाज पुरखागीत या पुरखौती गीत कहता है. पुरखौती गीत की सबसे
घर को जा रही थी सर पर टोकरा डाल कर, सोचा नदी किनारे थोड़ा वक़्त गुज़ार लूँ । छोटी के
कोईतुर या गोंड समाज भारत के प्राचीनतम समुदायों में से एक है और इसकी अपनी स्वतंत्र संस्कृति और धर्म है. इसका
फ़ोटो : बस्तर में स्थित एक गोटूल (वेर्रिएर एल्विन, 1940) गडचिरोली और माडिया (कोईतुर) आदिवासी पहचान बताते हुए शहरी लोगों